Sarfaraz Khan से Gautam Gambhir ने किस बात की दुश्मनी निकाली?
गौतम गंभीर जब से टीम इंडिया के कोच बने हैं टीम का बेड़ा गर्क हो गया है। टीम हारे एक बात है, पर कुछ निर्णय वाक़ई बेहद विचित्र लिए गए गईं। अब देखिये मुंबई टेस्ट में भारत की पहली पारी में सरफ़राज़ ख़ान नंबर आठ पर खेलने आये।
वो सरफ़राज़ ख़ान जो इकलौते ऐसे बल्लेबाज़ हैं भारतीय टीम में जिन्होंने इस श्रृंखला में एक शतक लगाया है। शतक भी ऐसा वैसा नहीं - बल्कि 150 रन उन्होंने ठोंके थे। इस बार उन्हें नंबर आठ पर भेजा गया। क्यों? जब पहले दिन यशस्वी जयसवाल आउट हुए और खेल ख़त्म होने में चंद ही मिनिटों का समय रह गया था तब मोहम्मद सिराज को नाईट वॉच मैन भेजा गया। चलो ये तो समझ में आता है। पर अगले दिन भी सरफ़राज़ से ऊपर रवींद्र जडेजा को खेलने भेजा गया। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर कहते हैं कि ये बात मेरी समझ के परे है। वो सरफ़राज़ जो मुंबई में ही पला बढ़ा है, जो वानखेड़े स्टेडियम का चप्पा चप्पा जानता है, जिसने पिछली पाँच पारियों में इस मैदान पर 600 से ऊपर रन ठोंके है, आप उसे नंबर आठ पर भेज रहे हैं। सरफ़राज़ की ये भी ख्याति है कि वो स्पिन को बहुत अच्छा खेलते हैं। सरफ़राज़ का ऐसा आत्मविश्वास तोड़ा गया है कि बंदा आते ही जीरो पर आउट हो गया। गंभीर की सोच ये है कि स्पिन के ख़िलाफ़ मैदान पर एक दायें हाथ का तो एक बायें हाथ का बल्लेबाज़ होना चाहिए। तो यशस्वी जयसवाल के साथ रोहित शर्मा, शुभमन गिल के साथ ऋषभ पंत और विराट कोहली के साथ रवींद्र जडेजा। फिर कुछ निर्णय जो टीम ने लिये वो समझ के परे हैं। बेंगलुरु जैसी पिच पर जहां गेंद सीटी बजाती निकल रही थी, वहाँ रोहित शर्मा ने टॉस जीत के बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। रोहित कहते हैं कि वो निर्णय उनका था पर कोच गौतम गंभीर क्या कर रहे थे। वहाँ जो टीम इंडिया फिसली तो फिसलती ही चली गई। दूसरे, मांजरेकर कहते हैं कि टीम इंडिया के सारे बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ एक बल्लेबाज़ बैकफ़ुट पर खेलते हुए आउट हुआ। सारे के सारे बाक़ी के बल्लेबाज़ फ्रंट फुट पर खेलते हुए आउट हुए। मांजरेकर कहते हैं कि हमारे बल्लेबाज़ बैकफ़ुट पर खेलना भूल से गये हैं। ऐसे में कोच और उनके असिस्टेंट कोच को ये बात उन्हें बतानी चाहिए। उनके बैकफ़ुट के खेल को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ फँसेंगे ही फँसेंगे। मांजरेकर की खुन्दक ये है कि हर कोई टीम के दिग्गजों की चापलूसी करने में लगा है। अब विराट कोहली को ही ले लें। उनसे रन नहीं बन रहे हैं फिर भी उनके फैन्स हल्ला ये मचा रहे हैं कि विराट को अगले आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का कप्तान बना देना चाहिए। मांजरेकर कहते हैं कि आप एक समय विराट कोहली को भूल जाइए और सिर्फ़ खिलाड़ी के रिकॉर्ड पर निगाह दौड़ाइये। विराट ने आरसीबी की कप्तानी 2013 से 2021 तक की। और सिर्फ़ एक बार आरसीबी आईपीएल के फाइनल पहुँची। वो साल था 2016 का। उसके बाद कप्तानी फाफ दु प्लेसिस के हाथ लगी थी लेकिन इस साल फाफ दु प्लेसिस को टीम में नहीं रखा गया है ऐसे में माना जा रहा है कि कप्तानी विराट को ही मिलनी चाहिए।