Mohammad Siraj आख़िर इंडिया में विकेट क्यों नहीं ले पाते हैं?
मोहम्मद सिराज को अब इंडिया में विकेट नहीं मिल रहे हैं। ये काफ़ी चिंता का विषय है। पिछले तीन साल से सिराज लगातार इंडिया के लिये खेल रहे हैं। कम से कम टेस्ट मैचों और ODI में तो उनका नाम सबसे पहले टीम में रखा जाता है। सिराज विदेश की पिचों पर ग़दर भी मचाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सबसे ज़्यादा विकेट उन्होंने लिए थे।श्री लंका की तो ख़ैर उन्होंने बैंड ही बजा दी थी। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ केप टाउन टेस्ट में उन्होंने छह विकेट सिर्फ़ 15 रनों पर निकाले थे। पर इंडिया में उन्हें विकेट नहीं मिल रहे हैं। आँकड़े भी यही कहते हैं। ऐसा कोई भी तेज़ गेंदबाज़ जिसने कम से कम 10 टेस्ट मैच खेले हैं, 2010 से ऐसे किसी भी गेंदबाज़ के मुक़ाबले सिराज के आँकड़े घर के टेस्ट में सबसे ख़राब हैं। सिराज ने अब तक अपने 29 टेस्ट मैचों में 12 मैच घर में खेले हैं। जिसमें उन्हें सिर्फ़ 17 विकेट मिले हैं। हर कोई सिराज की तारीफ़ करता है। कहता है कि बंदा अपनी जान लगा देता है। पर सिराज को विकेट क्यों नहीं मिलते? बांग्लादेश के ख़िलाफ़ श्रृंखला में भी सिराज को दो टेस्ट मैचों में सिर्फ़ चार विकेट मिले। क्या ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इंडिया में SG बाल का इस्तेमाल होता है जबकि विदेश के मैचों में ड्यूक या कूकाबुरा बाल प्रयोग में लायी जाती है। टीम इंडिया के कोच रहे पारस महंबरे कहते हैं कि सिराज का एक्शन और लाइन और लेंथ शायद उनको नुक़सान पहुँचाती है। महंब्रे का कहना है कि सिराज की ज़्यादा गेंदें कट कर अंदर की तरफ़ आती हैं। ऐसे गेंदें लेफ्ट-हैंडर को काफ़ी परेशान करती हैं। पर सिराज की लाइन मिडल और लेग स्टंप रहती है। दूसरे, सिराज गेंद को इंडिया में रिवर्स स्विंग कराने में असफल रहते हैं। जैसा उनका एक्शन है उस एक्शन से गेंद को रिवर्स स्विंग करना मुश्किल होता है। मोहम्मद शमी रिवर्स स्विंग करवा लेते हैं क्योंकि उनकी सीम पोजीशन परफ़ेक्ट होती है। उमेश यादव भी रिवर्स स्विंग करवा लेते है क्योंकि उनका एक्शन एक स्लिंगी एक्शन हैं यानी जैसे वो भाला फेंक रहे हैं। सिराज इन दोनों के मुक़ाबले धीमे भी हैं। अब उम्मीद तो यही है कि जैसे ही सिराज विदेश की धरती पर जाएँगे वो वहाँ विकेट चटकाना शुरू कर देंगे। नवंबर में ऑस्ट्रेलिया का दौरा है। वहाँ पाँच टेस्ट मैच होने हैं। वहाँ सिराज एक अच्छे हथियार साबित होने वाले हैं। पर इस सांत्वना से बात सुलझती नहीं है। आख़िर सिराज को घर की पिचों पर तो विकेट लेनी ही पड़ेगी। इंडिया ज़्यादातर अपने मैच घर में खेलती है। एक जसप्रित बुमराह पर सारा बोझ नहीं डाला जा सकता। एक सच ये भी है कि टीम इंडिया के कप्तान मोहम्मद सिराज से बहुत ज़्यादा गेंदबाज़ी करवाते हैं। 2022 जनवरी से सिराज ने 728 ओवर फेंके हैं। इसके मुक़ाबले जसप्रित बुमराह ने सिर्फ़ 582 ओवर फेंके हैं। किसी भी मशीन को जितना ज़्यादा इस्तेमाल करोगे उसकी धार उतनी ही कम होगी। ताज्जुब का विषय ये है कि टीम इंडिया के पास एक से एक बढ़ के कोच हैं। रवि शास्त्री, राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर जैसे नाम टीम इंडिया के कोच रहे हैं। फिर वो सिराज की ये कमजोरी दूर क्यों नहीं कर पा रहे हैं। ये तो सच है कि सिराज का एक्शन अब चेंज नहीं किया जा सकता है। पर सिराज को अपनी हथियारों में कुछ और हथियार जोड़ने पड़ेंगे नहीं तो बल्लेबाज़ों को मालूम रहेगा कि गेंद सिर्फ़ कट के अंदर आएगी। और वो आसानी से सिराज की गेंदों को पहले से भाँप जाते हैं। मोहम्मद सिराज का घर की पिचों में विकेट ना ले पाना वाक़ई चिंता का विषय है।