Virat Kohli की ये कमी आज दुनिया जान गई है!




इन चार तस्वीरों में छुपा है विराट कोहली की असफलता की रहस्य। पहली फोटो। देखिए किस तरह विराट कोहली के तिरछे बल्ले से गेंद लग कर पीछे की तरफ़ जा रही है। दूसरी फोटो। और ये विराट कोहली असहाय से गेंद को पीछे जाते देख रहे हैं। तीसरी फोटो। ये उछला हुआ कैच लेग स्लिप पर ग्लेन फ़िलिप्स ने पकड़ा। और चौथी फोटो। ये हैरानी से विराट कोहली पिच की तरफ़ देखते हुए। देखने वालों को लगा कि विराट कोहली एक ज़ालिम पिच के हाथों मारे गये। पर पारखियों ने पकड़ लिया था कि विराट कोहली ने गलती क्या की थी। बल्कि यूँ कहिए कि पिछले कई पारियों से विराट कोहली की असफलता की वजह यहीं कमजोरी रही रही। पर ना तो टीम इंडिया के कोच, ना बैटिंग एक्सपर्ट, कोहली को ये बता पा रहे हैं कि वो गलती क्या कर रहे हैं। एक अंधा भी ये कमी को देख सकता है पर ना विराट कोहली और ना उनके फैन्स इस कमी का या तो देख नहीं पा रहे हैं या बोल नहीं पा रहे हैं। उधर क्रिकेट एक्सपर्ट विराट कोहली के आउट होने पर भी उसकी तारीफ़ करते नहीं थक रहे हैं। संजय मांजरेकर कहते हैं कि वो विराट कोहली के फैन हो गये हैं जिस तरह से कोहली ने अपनी नंबर चार पोजीशन को छोड़ कर नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी की। मांजरेकर कहते हैं कि अपने करियर में कभी भी सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली अपनी बैटिंग पोजीशन से हट कर खेलना टेस्ट क्रिकेट में पसंद नहीं करते थे। तेंदुलकर नंबर चार पर आते थे और वहीं खेलना पसंद करते थे। गांगुली नंबर 5 या 6 पर आते थे और वहीं खेलते थे। जब कभी इन्होंने ऊपर खेलने की कोशिश की वो फेल रहे। तेंदुलकर ने जब कभी ऊपर बैटिंग की, उन पारियों में सिर्फ़ 15 रन बनाये। गांगुली ने अपने करियर में 7212 रन बनाये पर नंबर तीन पर उन्होंने सिर्फ़ 752 रन बनाये। इसके मुक़ाबले कोहली ने बड़ी हिम्मत दिखाई कि वो ऐसी पिच पर नंबर तीन पर बैटिंग करने आए। शुभमन गिल ये मैच नहीं खेल रहे हैं और ऐसे में कोहली कह सकते थे कि केएल राहुल या सरफ़राज़ ख़ान को आगे भेजो। कप्तान रोहित शर्मा भी कहते हैं कि नंबर तीन पर बैटिंग करने का फ़ैसला सिर्फ़ कोहली का था। उन्होंने भी कोहली की तारीफ़ की कि टीम के हित को ध्यान में रखते हुए कोहली ने ख़ुद को नंबर तीन पर भेजा। मतलब बंदा जीरो पर आउट हुआ है और उसकी तारीफ़ के पुल बांधे जा रहे हैं। ये नहीं देखा जा रहा है कि अपने टेस्ट करियर में कोहली अब 38 बार जीरो पर आउट हो चुके हैं। इतनी बार जीरो पर आउट मौजदा क्रिकेटरों में सिर्फ़ न्यू ज़ीलैंड के टिम साउथी हैं। नंबर तीन पर, हम आपको बता दें, ख़ुद हमारा कप्तान, शरमाजी के बेटे रोहित है जो 33 बार जीरो पर आउट हो चुके हैं। इनमें से किसी को कोहली की ये कमी नज़र नहीं आ रही है या जान कर भी वो अनजान हैं। कोहली की ये कमी ये है कि आजकल वो पहले से ही फ्रंट फुट पर आ जाते हैं। जिस गेंद पर वो आउट हुए वो उसे आसानी से बैकफ़ुट पर खेल सकते थे। बैकफ़ुट पर जाते तो या तो गेंद को अपने सामने डेड बैट से खेल देते, या अपनी कमर के पास से भी छेड़े, विकेटकीपर के पास जाने देते। लेकिन कोहली ने अपने को फ्रंट फुट पर कमिट किया हुआ था और वहाँ से उनके हट पाने के सारे रास्ते बंद हो चुके थे। पहले भी यहीं होता आया है और आगे भी यही होगा। गेंदबाज़ छोटी गेंद पर कोहली की इस तकनीकी कमी का फ़ायदा उठायेंगे। वन-डे क्रिकेट और आईपीएल खेलने की वजह से कोहली में ये तकनीकी कमी आ गई है। वो पिचें बेजान होती हैं और वहाँ आप को सिर्फ़ पैर निकालना होता है और शॉट लगाना होता है। पर वो पिचें जहां गेंद हिलती हैं और उछलती हैं वहाँ ये टेक्नीक एक तरह से आपके लिये आत्महत्या जैसी है। कोहली या तो अब इस कमी से छुटकारा पायें, या हम ये मान लें कि हमारा पुराना कोहली एक तरह से खो सा गया है।