ये दो बांग्लादेशी भेड़िये Rohit और Kohli का खून निकालना चाहते हैं।




इन्हें आज लोग भेड़िये कहते हैं। ख़ूँख़ार भेड़िये। ये दोनों मिल के शिकार करते हैं। घर में घुस के मारते हैं। कहते हैं कि बल्लेबाज़ आज इनके नाम से काँपते हैं। ना इन्हें कैच चाहिए, ना स्टंपिंग। सीधे डंडे पर वार करते हैं। इन दोनों को बांग्लादेश की टीम अपने साथ लेकर इंडिया आयी है। इन दोनों की मंशा है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को लहुलुहान करने की। इनका मानना है कि रोहित और विराट रहे होंगे कभी ग्रेट। अब इनकी उम्र हो गई है। अब वक़्त हमारा है। कौन है ये दो भेड़िये। और क्यों हैं इनको लेकर इतना हल्ला। ये दो भेड़िये हसन महमूद और नाहिद राणा का नाम से जाने जाते हैं। दोनों तेज गेंदबाज़ है। हाल ही में पाकिस्तान में पाकिस्तान की ही सरज़मीं पर इन्होंने बाबर आज़म जैसे बल्लेबाज़ को एक तरह से डरा कर भगा दिया। रावलपिंडी जैसी बेजान पिच पर हसन ने विकेटों की झड़ी लगा दी थी। दो टेस्ट मैच में आठ विकेट लिये थे। एक पारी में तो पाँच विकेट लिये थे। पर हसन तब भी कम खून निकलते हैं। नाहिद राणा तो २१ साल के हैं और बस तूफ़ान हैं। १४५ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से गेंद करते हैं। बल्लेबाज़ उनकी गेंद देख ही नहीं पाते। इन्होंने भी पाकिस्तान के बल्लेबाज़ों की रातों की नींद उड़ाई हुई थी। ये दोनों बांग्लादेश के ख़ूँख़ार भेड़िये अब इंडिया में हैं। कैसे निपटेगी टीम इंडिया इनसे। क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली को वो इंडिया में ही जलील करेंगे। पहले तो आप देखिए ये फोटो। विराट कोहली शुक्रवार को चेन्नई एयरपोर्ट सुबह चार बजे पहुँचे। फिर कुछ ही घंटों पर मैदान पर। मैदान पर कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर पहले से ही मौजूद थे। तीनों ने मैदान पर ही बात की। फिर विराट जसप्रित बुमराह को लेकर अलग बात करने गये। क्रिकेटराशी को अब ये मालूम चला है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली ने ईंट का जवाब पत्थर से देने का फ़ैसला किया है। हमारे ही मेहमान बनोगे और हमें ही ललकारोगे? ये कैसे होगा। आख़िर जिस यूनिवर्सिटी के तुम छात्र हो, उसके हम वाईस चांसलर हैं। हम तो वो हैं की जहां खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है। तुम लोगों को अपनी तेज गति पर बहुत घमंड है ना। तो लो हम तुम्हें ज़मीन भी तुम्हारे मन की देते हैं। यानी पिच ऐसी जो तेज़ गेंदबाज़ को ही मदद करती हो। यानी चेन्नई में १९ सितंबर से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच की पिच भी तेज़ गेंदबाज़ों को मदद करेगी। तुम्हारे टाँके वहीं ढीले करेंगे। हमने जब ये सुना तो हमें ताज्जुब हुआ। इंडिया में तेज गति की पिच क्यों। हम तो स्पिन की पिच बना के जीतते हैं ना। चेन्नई को तो वैसे ही स्पिन का पिटारा कहा जाता है। धोनी इसी पिच पर तो अपने जलवे बिखरते हैं। फिर तेज गति की पिच क्यों। कारण दो हैं। एक तो बांग्लादेश के इन दो भेड़ियों का जबड़ा निकालना है। दूसरे इसके बाद इंडिया न्यू ज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कुल मिला के आठ टेस्ट मैच खेलेगी। उनके ख़िलाफ़ तो तेज़ ही तेज़ गेंदबाज़ मिलेंगे। तो पहले इन दो भेड़ियों पर ही हाथ साफ़ कर लिया जाये। उधर पाकिस्तान के ख़ेमे से भी आवाज़ आ रही है कि इन भेड़ियों ने ग़लत बयाना इंडिया को दिया है। पाकिस्तान के पुराने बल्लेबाज़ तो ये शर्त लगाने को तैयार है की विराट कोहली बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एक डबल सेंचुरी तो जड़ेंगे ही जड़ेंगे। और अभी तो रोहित शर्मा की बात भी नहीं हुई है दोस्तों।