Virat Kohli ने कमजोर होती आँखों को छुपाया; मचा हल्ला!
बाप रे बाप। ये गालियाँ पड़ रही हैं विराट कोहली को। और पड़ेंगी ही। जब आप हर बार ऐसे ही आउट होगा तो खरी खोटी तो सुनने को पड़ेंगी ही। विराट कोहली ने तीसरे टेस्ट में ब्रिसबेन में 16 गेंदों में 3 रन बनाये। फिर वही एक ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद और भाई उसपर बल्ला लगाने से अपने को रोक नहीं पाये। हर बार उनको यही सलाह मिलती है कि क्रीज़ पर कुछ टाइम स्पेंड करो। कुछ गेंदें ऑफ-स्टंप के बाहर छोड़ो। और जब एक बार आँखें जम जायें फिर अपने स्ट्रोक खेलो । कहा जा रहा है कि विराट कोहली की फिटनेस अभी भी बेमिसाल है। पर शायद उनकी नज़र कमज़ोर हो गई है। मैदान के बाहर आपको विराट कोहली कई बार चश्मा लगाए हुए मिलते है । लोगों को लगता था कि शायद फैशन में चश्मा लगाते हैं। पर अब लगता है कि उन्हें अपनी आँखों की जाँच पड़ताल करवा लेनी चाहिए। पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर के साथ भी एक बार ऐसा ही हुआ था। वेस्ट इंडीज का दौरा था। रन बन नहीं रहे थे। ऐसे में सुनील गावस्कर के बार टीम बस में बैठे हुए थे। और इतने में एक साइकिल में एक वेस्ट इंडियन फैन उनके पास आए। उसने गावस्कर से कहा, सनी मान सनी मान। गावस्कर ने उसकी तरफ़ देखा। उसने गावस्कर से कहा कि आप अपनी आईसाइट चेक करवाओ। हो सकता है कि उसकी वजह से आपको गेंद देर से नज़र आने लगी है। गावस्कर ने अगले टेस्ट में कांटैक्ट लेंस लगाया और सैकड़ा लगाया। कुछ ऐसी ही परेशानी विराट कोहली के साथ दिखती है। गावस्कर विराट कोहली के आउट होने से इतने ज़्यादा झुँहला गये है कि वो कहते हैं कि कोहली अपना हीरो सचिन तेंदुलकर को मानते हैं। तो उन्हें सचिन तेंदुलकर से सीखना चाहिए। 2003 में सिडनी टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने 241 रन बनाये थे। और क़रीब क़रीब उन्होंने अपने सारे रन ऑनसाइड पर बनाये थे। उस श्रृंखले के पहले चार टेस्ट मैचों में वो हर बार ऑफ-स्टंप के बाहर आउट होते थे। आख़िरी टेस्ट में उन्होंने अपने आप में ये क़सम खाई थी कि चाहे जो कुछ हो जाये, मैं ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद नहीं छूँगा। उसके लिए सचिन ने अपने आप को समझाया कि उन्हें ऑफ-साइड पर रन ही नहीं बनाने हैं। जब उधर रन ही नहीं बनाने है तो उधर खेलना क्यों। बस तेंदुलकर ने ऑफ-स्टंप से बाहर की गेंदों को छोड़ना शुरू किया। और जो गेंद ऑफ-स्टंप पर आती थी उसे वो सुरक्षात्मक तरीक़े से खेल देते थे। घंटे पर घंटे बीतते गये। और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ थकते गये। अंत में तेंदुलकर 241 रन बनाकर नाबाद रहे। गावस्कर कहते हैं कि कोहली को भी अपने को यहीं कहना चाहिए कि मुझे ऑफ-स्टंप के बाहर रन ही नहीं बनाने हैं। जब वो ऐसा सोच लेंगे तो अपने आप वो ऑफ-स्टंप से बाहर की गेंद नहीं छुएँगे। उनको अपने से ये कहना है कि मुझे ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद छोड़नी नहीं है । बल्कि मुझे ये क़सम लेनी है कि मुझे ऑफ-साइड पर रन ही नहीं बनाने हैं। 2021 में जो विश्व के चार सबसे अच्छे बल्लेबाज़ हैं, उसमें विराट कोहली सबसे आगे थे। उनके 27 शतक थे, और स्टीव स्मिथ के २६ शतक थे। बर तीन पर केन विलियम्सन थे जिनके 24 शतक थे। और चौथे नंबर पर जो रूट थे जिनके सिर्फ़ 17 शतक थे। आज तीन साल के बाद इन चारों में सबसे नीचे विराट कोहली हैं। आज विराट कोहली के 30 शतक हैं। उधर स्टीव स्मिथ के 33 सैकड़े हो गये हैं। केन विलियम्सन के 33 शतक हैं। और सबसे नीचे से सबसे ऊपर पहुँच गये हैं जो रूट जिनके अब ३६ शतक हैं। शतक तो छोड़िये, अगर यही चलता रहा तो कोहली की टीम में बने रह पाना मुश्किल हो जाएगा।