ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे टेस्ट के लिया निकाला ख़ूँख़ार भेड़िया; टीम इंडिया सकते में!
ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच में ग़दर ढाने का फ़ैसला किया है। जोश हज़्लेवुड का चोटिल होना एक तरह से टीम इंडिया के लिये बुरी खबर साबित हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया ने उसकी जगह एक ऐसे गेंदबाज़ को शामिल किया है जो हमेशा से इंडिया को परेशान करता आया है। एक तरह से ये इंडिया के लिये गब्बर की तरह है। और कहते हैं ना कि जब मुश्किल आती है तो छअपर फाड़ के आती है। दूसरा टेस्ट मैच जहां हो रहा है वहाँ कि परिस्तिथियाँ इस गेंदबाज़ को बहुत मदद करेंगे। चलिए पहले दूसरे टेस्ट की बात कर लें। टीम इंडिया ने पहला टेस्ट मैच पर्थ में तो जीत लिया। पर अभी चार टेस्ट मैच और बाक़ी हैं। ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा ख़तरनाक जीव है जो कभी भी आपको दबोच सकता है। और कहते हैं ना, टेस्ट मैच विकेटों से जीते जाते हैं। आप हज़ारों रन बना लें, पर अगर आप 20 विकेट एक मैच में नहीं निकाल सकते हैं तो आप मैच जीत नहीं सकते। और अगर आप 150 रन भी बनाते हैं, जैसा इंडिया ने पहले टेस्ट में बनाया, फिर भी आप मैच जीत सकते हैं। अब सबका ध्यान दूसरे टेस्ट मैच पर है। ये एडिलेड में 6 दिसंबर से खेला जाना है। होने को तो एडिलेड में रनों की बरसात होती है। पर इस बार माजरा दूसरा है। ये पिंक बाल टेस्ट मैच है। यानी ये मैच दिन-रात का मैच है। यानी एक दिन के खेल में छह घंटे में चार घंटे दिन में होंगे। और आख़िरी का सेशन, या आख़िरी के दो घंटे, रात में खेले जाते हैं। रात में लाल बाल को देखना मुश्किल होता है। इसलिए दिन रात के टेस्ट मैच में पिंक बाल का इस्तेमाल होता है। अब पिंक बाल का नाम आते ही खिलाड़ी सतर्क हो जाते हैं। जब तक दिन का खेल हो रहा होता है, तब तक तो कोई मुश्किल नहीं होती है। पर जैसे ही रात होती है, गेंद हिलना डुलना शुरू कर देती हैं। यानी बल्लेबाज़ों के लिये बहुत मुश्किल हो जाती है। टीमें तो इतनी चालाकी करती है कि भले ही शुरुआत के चार घंटों में रन ज़्यादा ना बनें, पर विकेट हाथ में होने चाहिए। क्योंकि आख़िरी के दो घंटे में तो विकेट गिरेंगे ही गिरेंगे। दूसरे सोने पर सुहागा होगा अगर आप नई गेंद से रात को गेंदबाज़ी करें। नयी गेंद हार्ड होती है और बल्लेबाज़ों के लिए मुसीबत बन जाती है। ये एक तरह से लाटरी हैं। अगर आप सही समय बल्लेबाज़ी कर रहे हैं, तो आप रन लूट लेंगे। अगर आप रात में बल्लेबाज़ी कर रहे हैं तो गये काम से। टीम इंडिया के गेंदबाज़ इस गेंद के बारे में क्या सोचते है? मुकेश कुमार कहते हैं कि पिंक बाल की सीम नज़र नहीं आती है, जिसकी वजह से बल्लेबाज़ों को ये आईडिया नहीं हो पाता है कि गेंद अंदर आएगी या बाहर जाएगी। आकाश दीप को लगता है कि पिंक बाल ज़्यादा बाउंस करती है। प्रसिद्ध कृष्ण का ये मानना है कि पिंक बॉल ज़्यादा भारी होती है। इसकी सीम भी ज़्यादा उठी हुई होती है जिसकी वजह से ये ज़्यादा हिलती है। अब हम उस तेज़ गेंदबाज़ की बात करते हैं जिसको लेकर टीम इंडिया के ख़ेमे में ख़तरे की घंटी बज गई है। इसका नाम है स्कॉट बोलंड। स्कॉट बोलंड ३५ साल के हैं। उन्होंने टीम इंडिया के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच खेले हैं। और इसमें उन्होंने पाँच विकेट लिये हैं। बोलंड तीखे तो हैं ही इनकी गेंद काफ़ी तेज़ी से अंदर आती है। माना ये जा रहा है कि पिंक बाल उनके हाथ में एक ऐसा अस्त्र होगी जो टीम इंडिया के बल्लेब्ज़ों को ख़ासी परेशान कर सकती है। अब देखना ये होगा कि एडिलेड में वाक़ई ये हो पाता है या नहीं। या जिस तरह से टीम इंडिया के धुरन्धरों ने ऑस्ट्रेलिया के भेड़ियों के ऊपर पर्थ में विजयी पायी वो कहानी एडिलेड में भी दोहराई जाएगी।