टीम इंडिया के करन तो आ गये, अब अर्जुन का इंतज़ार है।




करन तो आ गया । अब अर्जुन भी आ जाएगा। क्रिकेट की भाषा में बोलें तो मतलब विराट कोहली और रोहित शर्मा से है। अब कोहली ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एक शानदार शतक लगाया। ये उनका ODI क्रिकेट में 51वाँ शतक था। इसी के साथ उन्होंने ODI क्रिकेट में अपने 14,000 रन पूरे कर लिये। चैम्पियंस ट्रॉफी का अगला मैच जो न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होगा, वो विराट के के जीवन का 300वाँ मैच होगा। उनका ODI का औसत 58 का है। तभी तो रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज भी कहते हैं कि ODI में उन्होंने विराट से बेहतर बल्लेबाज़ नहीं देखा। तो ये तो बात हुई हमारे  करन की। अब जरा अर्जुन की बात कर लें। यानी हमारे रोहित शर्मा का। रोहित के सितारे थोड़े गर्दिश में चल रहे हैं। पर जैसा उन्होंने घर में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ एक शतक लगाकर दिखाया, वो कभी भी अपने पुराने फॉर्म को पा सकते हैं। रोहित के रिकॉर्ड पर भी आप नज़र दौड़ायें। 270 ODI के मैच खेले हैं। यानी क़रीब क़रीब विराट जितने ही। उन्होंने हालाँकि सिर्फ़ ग्यारह हज़ार रन ही बनाए हैं। शतक उनके 32 ही हैं। पर भाई जब शतक लगाते हैं तो रुकते ही नहीं है। एक नहीं, दो नहीं, तीन दोहरे शतक है रोहित के ODI में। श्री लंका के ख़िलाफ़ तो एक बार उन्होंने 264 रन ही ठोंक डाले थे। तो सोचिए अगर अर्जुन भी फॉर्म में आ गये तो। यानी करन भी चालू और अर्जुन भी चालू। इसीलिए लोगों को लग रहा है कि इस बार चैम्पियंस ट्रॉफी में इंडिया को हराना मुश्किल होगा। रिकी पोंटिंग जहां कोहली की तारीफ़ करते हैं, वहाँ वो ये भी हैरान है कि अभी भी रनों के मामले में कोहली सचिन तेंदुलकर से 4,000 से ज़्यादा रनों से पीछे हैं। पोंटिंग कहते है कि कोहली कितने सालों से खेल रहे हैं, कितने फिट है, कितने शतक हैं, फिर भी अभी तेंदुलकर से 4,000 रन पीछे हैं। सोचिए तेंदुलकर क्या कुछ करके चले गये हैं। उधर पाकिस्तान के पुराने तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख़्तर विराट कोहली की सफलता के पीछे उनके आदर्श को देखते हैं। अख़्तर कहते हैं कि कोहली ने शुरुआत से ही अपने आप को तेंदुलकर के पीछे ढालने की कोशिश की। कोशिश की कि मैं अपने महानायक के पदचिह्नों पर चलूँ। इसलिए कोहली आज यहाँ तक पहुँच गये हैं। उधर शोएब अख़्तर अपने ही पाकिस्तान के बाबर आज़म को कोसते हैं। कहते हैं कि जहां कोहली के आदर्श सचिन तेंदुलकर हैं, वहाँ बाबर आज़म के आदर्श? शोएब तो यहाँ तक कहते हैं कि बाबर आज़म एक फ्रॉड ही हैं। वो कहते हैं कि मैं पाकिस्तान क्रिकेट के बारे में बात भी नहीं करना चाहता हूँ। मुझे कमेंटरी के पैसे मिलते हैं इसलिए में पाकिस्तान क्रिकेट पर बोलता हूँ। पाकिस्तान के पुराने स्पिनर दानिश कनेरिया भी कहते है कि बाबर आज़म सिर्फ़ ज़िम्बाब्वे वग़ैरह के ख़िलाफ़ ही रन बनाते हैं। बड़ी टीमों के सामने वो ढेर हो जाते हैं। बाबर आज़म ने चैम्पियंस ट्रॉफी में दो पारियों में 64 और 28 रन ही बनायें हैं। पाकिस्तान अपने दोनों मैच इंडिया और न्यू ज़ीलैंड से हार के चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर हो गई है। उधर टीम इंडिया परवान चढ़ रही है। अपने दोनों मैच जीत चुकी है। लीग का आख़िरी मैच न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अगर मार्च 2 को हार भी जाये, तब भी सेमी-फाइनल में इंडिया का पहुँचाना तय है। और अगर करन फॉर्म में रहे और अर्जुन फॉर्म में आ गये, तो एक ट्रॉफी इंडिया की झोली में आ गिरेगी। हम सबकी यहीं प्रार्थना है कि यही हो।